अतीक का बेटा फांसी... किसने दिया था जेल में उसे 1100 रुपये? हो गया बड़ा खुलासा
Who gave him 1100 rupees in jail
Who gave him 1100 rupees in jail: प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल इस समय चर्चा में है. इसकी वजह है अतीक अहमद के बेटे अली की बैरक. जहां वह बीते दो वर्षों से बंद है, अब उसे जेल के सबसे सख्त निगरानी वाले 'फांसी घर' वाली हाई सिक्योरिटी सेल में शिफ्ट कर दिया गया है. इसका कारण है अली की बैरक में 1100 रुपये कैश जो उसके किसी मुलाकाती ने दिया.
औचक निरीक्षण में खुली पोल
यह मामला तब सामने आया जब राजेश श्रीवास्तव डीआईजी जेल ने नैनी जेल का औचक निरीक्षण किया. अतीक अहमद के बेटे अली की बैरक की तलाशी ली गई. तलाशी में जब 1100 रुपये कैश मिले. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर ये रकम आई कहां से ? क्योंकि जेल मैनुअल में लिखा गया है कि किसी भी बंदी के पास नगदी नहीं होनी चाहिए. कैश मिलने की जानकारी होते ही जेल में हड़कंप मच गया. जेल की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात डिप्टी जेलर कांति देवी और जेल वार्डन संजय द्विवेदी को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया. इतना ही नहीं दोनों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो गई है.
इसके बाद जेल प्रशासन ने अली को उस बैरक में शिफ्ट कर दिया है, जिसे ‘फांसी घर’ की हाई सिक्योरिटी सेल के नाम से जाना जाता है. यह बैरक बाकी जेल से अलग है, बेहद सीमित आवाजाही के साथ, चार सुरक्षाकर्मी और CCTV की चौकस निगरानी में दिन-रात घिरी रहती है. बैरक तक पहुंचने वाले सभी रास्ते कैमरों से लैस हैं. यह वही जगह है जहां अब तक 14 दोषियों को फांसी दी जा चुकी है. हालांकि वर्तमान में फांसी पर रोक के चलते इस बैरक का नियमित इस्तेमाल नहीं होता, लेकिन विशेष मामलों के बंदियों को यहां रखा जाता है और अब अली को भी यहीं शिफ्ट कर दिया गया है.
किसी बाहरी व्यक्ति से मुलाकात पहले से बंद
अली के पास मिले कैश ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. अली की किसी बाहरी व्यक्ति से मुलाकात पहले से बंद थी, और केवल अधिवक्ता को ही मिलने की इजाज़त थी, तो सवाल यह उठता है कि आखिर यह नकद रकम उसके पास पहुंची कैसे? जेल प्रशासन के नियमों के मुताबिक, मुलाकात सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होती है, और मुलाकात के बाद बंदी की तलाशी अनिवार्य होती है. फिर अली की तलाशी में यह नकदी पहले क्यों नहीं पकड़ी गई? क्या किसी ने जानबूझकर यह अनदेखी की या निगरानी में कोई बड़ी चूक हुई है.
वकील पर ही शक
फिलहाल प्रारंभिक जांच के आधार पर आशंका जताई जा रही है कि अली के वकील ने ही मुलाकात के दौरान पैसे सौंपे हो. हालांकि इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और वकील की भूमिका की भी जांच हो रही है. अली अहमद 30 जुलाई 2022 से नैनी सेंट्रल जेल में बंद है. उमेश पाल हत्याकांड के बाद से उसकी बाहरी मुलाकातें पूरी तरह बंद हैं. केवल उसके वकील ही उससे मिल सकते हैं, और वही अब जांच के घेरे में हैं. अली के खिलाफ पहले से ही कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं, और वह लंबे समय से निगरानी में है.